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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
खास बात ये भी है कि बड़े भी इस तरह का सपना देखते हैं.
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अगर आप रात को भारी और तला-भुना खाना खाते हैं तो इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है और दिल की धड़कन बढ़ने लगती है, जिससे बुरे सपने आने की संभावना बढ़ जाती है। जब शरीर को रात के समय भारी भोजन को पचाने में कठिनाई होती है, तो यह मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है। इससे नींद में खलल पड़ता है और डरावने सपने आते हैं।
पूरी रात सपने क्यों आते हैं और कब आते हैं?
रोजाना आपको एक ही समय पर सोएं, इससे आपको बुरे सपने परेशान नहीं करेंगे
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड का सपने क्यों आते हैं इसे लेकर ऐसा मानना था कि सपने हमारे अवचेतन मन की एक खिड़की की तरह होते हैं और ये हमे उस व्यक्ति के बारे में बताते हैं, जैसे:
रेगुलर एक्सरसाइज करें: शरीर को एक्टिव रखने के लिए नियमित व्यायाम करें, जिससे दिल की धड़कन सामान्य बनी रहती है और मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है।
नाइटमेयर आने पर आपको थकान कमजोरी होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
अच्छी नींद चाहते हैं और बुरे सपनों से बचना चाहते हैं तो आपको हफ्ते में कम से कम तीन दिन कसरत करनी ही चाहिए
सपनो का आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है, यही नहीं यह आपके मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
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थेरेपी या काउंसलिंग से मदद मिल सकती है।